हिन्दी एवं संस्कृत भाषा के गद्य-पद्य मे विराम चिन्हों द्वारा वाक्य रचनाओं के भाव और विचारों को स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है। विराम चिन्ह निम्नलिखित प्रकार के होते है।
◆पूर्ण विराम = (।)या (.)
◆अर्ध-विराम = ( ;)
◆अल्प विराम = (, )
◆प्रश्नवाचक चिन्ह = (?)
◆विस्मयादिबोधक = ( ! )
◆रेखिका = ( - )
◆कोष्ठक = ( ),{ }, [ ]
◆द्विविन्दु = ( : )
◆द्विविन्दु रेखिका = ( :- )
●पूर्ण विराम (।)या (.) जब वाक्य पूरा हो जाता है तो वाक्य के अंत मे पूर्ण विराम (।)या (.) का प्रयोग किया जाता है।
◆अर्ध-विराम = ( ;)
◆अल्प विराम = (, )
◆प्रश्नवाचक चिन्ह = (?)
◆विस्मयादिबोधक = ( ! )
◆रेखिका = ( - )
◆कोष्ठक = ( ),{ }, [ ]
◆द्विविन्दु = ( : )
◆द्विविन्दु रेखिका = ( :- )
●पूर्ण विराम (।)या (.) जब वाक्य पूरा हो जाता है तो वाक्य के अंत मे पूर्ण विराम (।)या (.) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-राम बाजार गया।
अर्ध-विराम ( ;) अर्ध विराम का प्रयोग जब किसी वाक्य में अर्ध-विराम लगा होता है ,तो पूर्ण विराम की अपेक्षा कम, परंतु अल्पविराम की अपेक्षा अधिक विराम लेते हैं। इसका प्रयोग निम्न स्थलों पर होता है।
● संयुक्त या मिश्रित वाक्यों में विपरीत अर्थ प्रकट करने वाले उप वाक्यों के मध्य में प्रयोग किया जाता है।
"उन पर आक्रमण किया गया; उन्हें स्कूल के कमरे से बाहर बैठाया गया; उन्हें अपमानित किया गया; लेकिन फिर भी अम्बेडकर जी मे हार मानने की सोच नही आयी।"
अल्प -विराम( , )
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