पड़ताल (परताल) से तात्पर्य:-
पड़ताल से आशय यह है कि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा खरीफ,रवी और जायद फसलो का गाटेवार विवरण खसरा में लिखना। अर्थात लेखपाल द्वारा यह विवरण रखा जाता है कि किस गाटे में कौन सी फसल बोयी गयी है ।तथा कितने क्षेत्रफल में बोयी गयी है।
1-खातेदारों का गाटा क्रमानुसार विवरण अद्दावधिक रखना।
2- कृषि सम्बन्धी विभिन्न प्रकार के आंकड़ों फसलों के अंतर्गत क्षेत्रफल की अअद्दावधिक सूचना रखना।
3- कृषि के उन्नति को आवाना व विभिन्न सिंचन के संकर्णो की प्रकृति एवं संख्या का हिसाब रखना। अर्थात यह कहा जा सकता है कि फसल की सिंचाई हुई है या नहीं हुई है यदि हुई है तो कितनी बार हुई है।
4- खातेदारों के आपसी झगड़ों का निष्पादन कराने हेतु स्थल के परिवर्तनों व कब्जे के अध्यावधिक की स्थिति का लेखा रखना व न्यायालय की सहायता करना। अर्थात यह कहा जा सकता है कि एक गाटे में कई खातेदार हो सकते हैं। और सब का हिस्सा भी अलग-अलग हो सकता है और सभी काश्तकारों द्वारा अलग-अलग फसल भी वही जा सकती है इसलिए सभी काश्तकारों का अलग-अलग विवरण खसरा में पड़ताल करते समय लिखा जाना चाहिए।
5- दो फसलें क्षेत्रफल का ज्ञान होने के कृषि की उन्नत आका जा सकता है ।अर्थात यह कहा जा सकता है कि दो फसली क्षेत्रफल अर्थात ऐसा कौन सा गाटा रहा है जो दो बार बोया गया है।
पड़ताल को उपयोगी कैसे बनाया जाए
प्रकल्प उपयोगी बनाने के लिए सबसे पहले लेखपाल को चाहिए कि वह पड़ताल करते समय प्रतिज्ञा के पर घूम घूम कर पड़ताल करें तथा पड़ताल के दौरान लेखपाल से अन्य कार्य ना कराए जाएं।
1- पड़ताल को अस्थान पर घूम घूम के नियमानुसार अंकित किया जाए इस कार्य पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
2- पड़ताल के समय लेखपाल से अन्य कार्य कराया जाए ना तो तहसील मुख्यालय पर अधिक समय तक उपस्थित रखा जाए।
3- पड़ताल की जांच में की जाने वाली उपेक्षा को समाप्त किया जावे तथा मौके पर जाकर प्रभावी ढंग से किया जावे और शुद्ध पड़ताल करने पर बल दिया जाए।
पड़ताल का समय
सभी फसलों का पड़ताल का समय अलग अलग होता है जैसे खरीफ फसल की पड़ताल 10 अगस्त से 25 अक्टूबर के मध्य किया जाता है।
इसी प्रकार रबी फसल की पड़ताल की पड़ताल 1 जनवरी से 15 मार्च के मध्य किया जाता है
और जायद फसल की पड़ताल 1 मई से 31 मई तक किया जाता है।
इस समय लेखपाल अन्य कार्य कराकर सिर्फ पड़ताल का कार्य कराया जाए जिससे शुद्ध पड़ताल हो सके।
Examination (Parital) means: -
The meaning of the investigation is that the regional accountant should write the Gatwar details of Kharif, Ravi and Zayed crops in Khasra. That is, the account is kept by the lekhpal, which crop is sown in which crop and how much area is sown.
1-Keep the details of the account holders in order sequentially.
2- To keep periodical information about the area under different types of agricultural data crops.
3- To keep a record of the nature and number of different types of irrigation and various conditions for the advancement of agriculture. That is, it can be said that the crop has been irrigated or not, if it has happened, how many times it has happened.
4- To maintain the status of the changes of the site and the period of occupation, and to assist the court for executing the mutual quarrels of the account holders. That is, it can be said that a carte can have many accountants. And the share of all can also be different and different crop can be same by all tenants, therefore different details of all tenants should be written while investigating in measles.
5- Two crops can be advanced in agriculture by having knowledge of the area. That is, it can be said that which is sown twice, which is the two cropped area.
How to make the investigation useful
In order to make the project useful, first of all the accountant should rotate on the pledge while doing the investigation and other tasks should not be done to the accountant during the investigation.
1- The investigation should be marked according to the rules of rotation on the ground. This work should be taken care of.
2- During the investigation, other work should be done with the accountant, nor should he be present at the Tehsil headquarters for a long time.
3- The neglect of investigation should be eliminated and on the spot, it should be done effectively and emphasis should be given on pure investigation.
Check time
The time of investigation of all the crops is different, like the Kharif crop is examined between August 10 and October 25.
Similarly, the rabi crop investigation is done between January 1 and March 15.
And the Zayed crop is examined from May 1 to May 31.
At this time Lekhpal should be carried out by doing other work, so that only pure investigation can be done.
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