किसान बही-
किसान बही का नाम आप कई बार सुने होंगे इसके बारे में आप क्या जानते हैं आज मैं यह बताने वाला हूं कि किसान बही क्या क्या प्रयोग है और यह किसके काम में आता है इस से क्या फायदे होने वाले हैं सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि किसान बही है क्या?
किसान बही को जोत बही के नाम से भी जाना जाता था जोत बही को 1994 में समाप्त कर दिया गया उसके स्थान पर किसान वही बनाए जाने का प्रावधान कर दिया गय किसान बही एक छोटी सी पृष्ठों वाली छपी हुई पुस्तिका के रूप में होती है जो सरकार के द्वारा ₹10 मूल्य में प्रत्येक खातेदारों को दी जाती थी इसमें उसका कुल भूमि का विवरण लिखा रहता था।
जिसे लेखपाल तैयार करता था। तथा उसकी जांच राजस्व निरीक्षक द्वारा की जाती थी उसकी जांच नायब तहसीलदार और तहसीलदार भी करते थे जांच के उपरांत यह संबंधित खातेदार को दी जाती थी इसलिए इसके लिखे विवरण सही माने जाते थे तथा यह खातेदार को रेड लने में हैसियत बनाने प्रति बहुत देने पर हैसियत के प्रमाण स्वरूप भी मानी जाती थी बैंक से ऋण लेने की दशा में वह दिखाई जा सकती है फिर भी बैंक वाले उसकी शुद्धता की जांच करके ही स्वीकार करते थे।
अर्थात यह कहा जा सकता है की किसी एक किसान पूरे राज्य में कितनी भूमि है या किसी जिले में या किसी गांव में कितनी जमीन है उसका संपूर्ण ब्यौरा उस पर रहता था।
किसान बही के बारे में मैं क्रम वाइज बताता हूं
1- किसान बही जिले किसी खातेदार द्वारा समस्त ज्योत के संबंध में समय की जोत बही होगी।
2- संयुक्त जो की स्थिति में इस धारा के प्रयोजन के लिए यह पर्याप्त होगा कि किसान बही केवल ऐसे एक या अधिक अभिलेख इन द खातेदारों को दी जाए जो इसके लिए आवेदन करें।
3- जब भी कोई बैंक के अन्य वित्तीय संस्था किसी खातेदार के ऐसे प्रत्यावेदन के आधार पर ऋण प्रदान करता है कि वह किसान बही में अब लिखित ज्योति की धारक है तो वह इस प्रकार दिए गए रेड के ब्योरे को किसान बही में पृष्ठ अंकित करेगा।
अतः यह कहा जा सकता है कि किसान बही या जोत बही एक ऐसी पुस्तक होती थी जिस पर उसकी जोत की या उसके द्वारा लिए गए ऋण की अधिक जानकारी उसी पर अंकित रहते थे।
Farmer book
You must have heard the name of the farmer book many times, what do you know about it? Today I am going to tell you what is the use of the farmer book and what is the use of it? Is that a farmer book?
The Kisan Book was also known as Jot Bahi, which was abolished in 1994, the provision was made in place of the farmer book, the Kisan Book is in the form of a printed book with a small pages which is the Govt. ₹ 10 denomination was given to each account holders, in which the details of its total land were written.
Whose accountant used to prepare it. And it was investigated by Revenue Inspector, it was also investigated by Naib Tehsildar and Tehsildar, after the investigation, it was given to the concerned account holder, hence the details of it were considered correct and it is very important to give the account holder to make red money. It was also considered as a proof of the bank, it can be shown in the case of taking a loan from the bank, yet the bankers accepted it only after checking its correctness.
That is, it can be said that the entire details of how much land a farmer had in the entire state or in a district or in a village used to remain on it.
I tell the order wise about the farmer book
1- Farmers' book will be the time book by an account holder in respect of the entire Jyoti.
2- For the purpose of this section in the case of joint accounts, it will be sufficient that the farmer book should be given only to one or more records of these account holders who apply for it.
3- Whenever any other financial institution of a bank offers a loan on the basis of the representation of an account holder that he is now the holder of the lit flame in the farmer book, then he will mark the details of the red so given in the farmer book.
Hence, it can be said that the farmer book or holding book was a book on which more information about his holdings or loans taken by him were inscribed on it.
thanks for comment