जल ही जीवन है:-
आज भारत के साथ साथ कई देश सूखे की स्थिति और जल संकट से त्रस्त है ।इसके बाद भी मानव पार्थिव के जल का संरक्षण ना करके मंगल ग्रह पर जल की तलाश कर रहा है ।
दुनिया के क्षेत्र फल का 70% भाग जल से भरा हुआ है लेकिन पीने लायक जल मात्र 3% ही है ।
पृथ्वी का जल से ढाका भूभाग जलमंडल कहलाता है उत्तरी गोलार्ध के लगभग 40% तथा दक्षिणी गोलार्ध के 81% भाग पर जल मंडल का विस्तार ।
जलमंडल को महा सागर सागर जल संधि खाड़ी आज में विभाजित किया जाता है पृथ्वी के पांच विशाल महासागर एवं उनसे संबंधित विवरण निम्नलिखित हैं
आज भारत के साथ साथ कई देश सूखे की स्थिति और जल संकट से त्रस्त है ।इसके बाद भी मानव पार्थिव के जल का संरक्षण ना करके मंगल ग्रह पर जल की तलाश कर रहा है ।
दुनिया के क्षेत्र फल का 70% भाग जल से भरा हुआ है लेकिन पीने लायक जल मात्र 3% ही है ।
पृथ्वी का जल से ढाका भूभाग जलमंडल कहलाता है उत्तरी गोलार्ध के लगभग 40% तथा दक्षिणी गोलार्ध के 81% भाग पर जल मंडल का विस्तार ।
जलमंडल को महा सागर सागर जल संधि खाड़ी आज में विभाजित किया जाता है पृथ्वी के पांच विशाल महासागर एवं उनसे संबंधित विवरण निम्नलिखित हैं
1-प्रशांत महासागर2- अटलांटिक महासागर3- हिंद महासागर4- उत्तरी ध्रुव महासागर5- दक्षिणी ध्रुव महासागर
1-प्रशांत महासागर-
प्रशांत महासागर सबसे बड़ा एवं गहरा महासागर है। यह लगभग 16.55 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है ।इसकी औसत गहराई 3865 मीटर है।इसकी आकृति लगभग त्रिभुजाकार है। जिसका शीर्ष से उत्तर में बेरिंग के मुहाने पर है। उत्तर की ओर यह संकरे बेरिंग जलडमरूमध्य द्वारा उत्तरी ध्रुव महासागर से जुड़ा हुआ है ।और दक्षिण में यह दक्षिणी ध्रुव महासागर से मिला हुआ है ।प्रशांत महासागर के बेसिन के अधिकांश भागों की गहराई लगभग 7300 मीटर है । इस महासागर का उत्तरी भाग सबसे गहरा है यहां इसकी औसत गहराई 5000 से 6000 मीटर तक है।
मेरियाना,टोंगा, मिंडानाओ, अटाकामा, एल्यूशियन, बेनिन, क्यूराइल, जापान आदि प्रशांत महासागर के प्रमुख हैं।
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