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चुनाव आचार संहिता भारत में लोकतंत्रिक चुनावों के आयोजन और नियंत्रण के लिए निर्धारित नियमों और दिशानिर्देशों का एक सेट है। यह संहिता 1951 में बनाई गई थी और अब इसे नियंत्रण आयोग द्वारा जारी किया जाता है।
इस संहिता में विभिन्न विधान हैं जैसे कि चुनाव अधिसूचना, मतदान का दिन और समय, चुनाव अधिकारियों के नियुक्ति, उम्मीदवारों और चुनाव प्रचारकों के वित्त व्यय, मतदाताओं की सूची के तैयारी, मतदान के दौरान वेबकैमरे वगैरह का उपयोग वाले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग, नतीजों की घोषणा और चुनाव अपील के नियम शामिल हैं।
इस संहिता का लक्ष्य चुनाव के निष्पक्ष, स्वतंत्र और गोपनीय आयोजन की सुनिश्चितता सुनिश्चित करना है। इसका पालन भारतीय लोकतंत्र की स्थिरता और विश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चुनाव आचार संहिता एक ऐसा नियमक संग्रह होता है जो भारत में चुनावी प्रक्रिया के दौरान अनुसरण किए जाने वाले आदेशों, नियमों और मानकों का एक संग्रह है। यह संग्रह भारतीय नागरिकों के लिए चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता, संवेदनशीलता और विश्वसनीयता की गारंटी के रूप में भूमिका निभाता है।
इस संग्रह में चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों, चुनाव रोक के लिए सख्त निर्देशों, मतदान केंद्रों के निर्धारण और चुनाव के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। यह संहिता उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों, मतदाताओं और चुनाव संबंधित अन्य सभी व्यक्तियों के लिए लागू होती है।
चुनाव आचार संहिता भारतीय संविधान की धारा 324 के तहत चुनाव आयोग द्वारा जारी की जाती है।
चुनाव आचार संहिता
चुनाव आचार संहिता भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी की जाने वाली एक आधिकारिक दस्तावेज है। यह संहिता भारत में होने वाले सभी चुनावों के लिए लागू होती है। यह संहिता चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करने के लिए निर्धारित नियमों, निर्देशों और उपायों का एक समूह है।
चुनाव आचार संहिता में निम्नलिखित मुख्य विषयों पर दिशा-निर्देश दिए गए हैं:
चुनाव अवधि की निर्धारण
नामांकन की प्रक्रिया
मतदान की प्रक्रिया
नतीजों की घोषणा की प्रक्रिया
विवादों और चुनाव उल्लंघनों की शिकायतों के लिए प्रक्रिया
इस संहिता में चुनाव उपचुनावों, विवादों और चुनाव उल्लंघनों के लिए भी नियम और उपाय दिए गए हैं। चुनाव आचार संहिता देश में न्यायपालिका के द्वारा अपनाए जाने वाले निर्णयों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत होती है।
चुनाव आचार संहिता एक ऐसी संहिता है जो भारत में चुनाव के दौरान उपयोग की जाती है। इस संहिता का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और सुगम बनाना होता है ताकि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या गलत आचरण न हों।
चुनाव आचार संहिता चुनावी व्यवस्था की अनुमति एवं प्रबंधन संबंधी नियमों को स्थापित करती है। इसमें चुनावी विज्ञापनों, उम्मीदवारों के खर्चों, मतदान केंद्रों के तैनाती, वोटर लिस्ट की तैयारी और मतदान की प्रक्रिया जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्देश दिए गए हैं।
इस संहिता को भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी किया जाता है। संहिता में निर्देश दिए गए नियमों का पालन चुनावी व्यवस्था के सभी लोगों के लिए अनिवार्य होता है। इसका उल्लंघन करने पर दंड भी होता है।
चुनाव आचार संहिता देश के लोकतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसे सही ढंग से पालना चुनाव प्रक्रिया को सुव्यवस्थित
चुनाव आचार संहिता भारत में लोकतंत्र के महत्वपूर्ण माध्यमों में से एक है जो चुनाव के दौरान निर्धारित नियमों और निर्देशों का पालन करने के लिए बनाई गई है। इसका उद्देश्य चुनाव के निष्पक्ष और संगठित होने का सुनिश्चय करना है। इस संहिता में चुनाव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर निर्देश दिए गए हैं, जैसे चुनाव आयोग की नियुक्ति, उम्मीदवारों की योग्यता, निर्वाचन बूथों का व्यवस्थित तौर पर स्थापित होना और चुनाव प्रक्रिया के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्देश दिए गए हैं।
चुनाव आचार संहिता के तहत, चुनाव प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों को कम्पन की अनुमति नहीं है और निर्वाचन बूथों के अंदर मोबाइल फोन या किसी अन्य संचार माध्यम का उपयोग करना प्रतिबंधित होता है। इसके अलावा, चुनाव के दौरान जानबूझकर भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए निर्वाचन अधिकारियों के लिए सुचित करने का भी प्रावधान है।
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