प्रश्न- प्रबंध शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर-प्रबंध का अर्थ- प्रबंध वह प्रक्रिया है जो एक मानव समूह का नियोजन संगठन नियुक्तियां निर्देशन एवं नियंत्रण कर के भौतिक संसाधनों का अधिकतम एवं कुशलता का उपयोग संभव बनाती है तथा उपकरण के पूर्व निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करती हैं।
हेरोल्ड कून्टज के अनुसार ,"प्रबंध औपचारिक रूप से संगठित समूहों में अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर कार्य करने तथा करवाने की कला है"
जार्ज आर०टेरी के शब्दों में" प्रबंध एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें नियोजन संगठन उत्प्रेरण एवं नियंत्रण सम्मिलित है इनमें से प्रत्येक में विज्ञान एवं कला दोनों का प्रयोग करते हुए पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इनका अनुसरण किया जाता है"।
एफ डब्ल्यू टेलर के अनुसार प्रबंध या जानने की कला है कि आप क्या करवाना चाहते हैं इसके बाद यह देखना कि वे इसे सर्वोत्तम मितव्ययता पूर्ण विधि से करें।
प्रबंध जिसको हम अंग्रेजी में मैनेजमेंट बोलते हैं अक्सर बोलचाल की भाषा में हम कहते हैं किस को किसी तरह से मैनेज किया जाए अर्थात इसका मैनेजमेंट किया जाए इसका अर्थ होता किसी तरह से इस को व्यवस्थित करना अर्थात सुचारू रूप से कार्य चल सके किसी भी कार्य को करने के पहले उसका एक खाका तैयार किया जाता है जिसके तहत हम किसी कार्य को सुचारू रूप से सफलतापूर्वक संपन्न कर सकें।
जैसे किसी के यहां कोई कार्यक्रम है शादी है विवाह है उसमें हम लोग एक प्रारूप तैयार करते हैं कि सबसे पहले क्या किया जाएगा उसके बाद किया किया जाएगा उसको करेगा कौन इस तरह से हम लोग किसी कार्यक्रम को मैनेजमेंट करते हैं अर्थात यह कहा जा सकता है की प्रबंध वह किरया है जिसके द्वारा मनुष्य किसी भी कार्य को करने के लिए उसकी एक प्लानिंग करता है उसका एक संगठन बनाता है फिर उस संगठन में कौन-कौन कार्य करेगा उनकी नियुक्तियां करता है फिर कार्य करने वाला वाले लोगों को कौन निर्देशन और नियंत्रण करेगा अर्थात कौन देखरेख करेगा और क्या क्य सामान लगेगा कौन-कौन सी मशीनें लगेंगे कौन-कौन सी वस्तुएं लगेंगे इन सब क्रियाओं को करने के लिए एक निश्चित तिथि निश्चित समय का निर्धारण किया जाता है ताकि जो कार्यक्रम जो क्रिया करने जा रहे हैं वह निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति कर सके और उसे करने में सहायता प्रदान कर सकें।
अर्थात यह कहा जा सकता है कि यदि किसी क्रिया में से प्रबंध को हटा दिया जाए तो शेष कार्य शून्य बचता है, क्यों क्यों बिना प्रबंध के कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न-प्रबंध की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए?
उत्तर-प्रबंध की विशेषताएंं निम्नलिखित हैं-
*यह एक सामूहिक प्रयास है
* यह मानवीय तथा भौतिक संसाधनों में संबंध स्थापित करती है ।
*इसका एक पृथक अस्तित्व है।
* यह एक अदृश्य शक्ति है।
* यह एक प्रक्रिया है।
* यह एक जन्मजात एवं अर्जित प्रतिभा है।
*यह एक सार्वभौमिक क्रिया है।
* यह विभिन्न दर्शन ग्राही ज्ञान है।
* यह एक गतिशील व्यवस्था है।
* यह एक पेशा है।
* यह विज्ञान एवं कला दोनों है।
*यह एक सामूहिक प्रयास है- जैसा कि ऊपर परिभाषा में यह बताया गया है कि प्रबंध एक मानव समूह का नियोजन संगठन नियुक्तियां निर्देशन पर नियंत्रण है।
अतः प्रबंध एक मानव समूह में काम करने वाले सभी लोगों के प्रयत्नों को सामूहिक उद्देश्य की ओर संचालित करने वाली शक्ति है प्रबंध का सामूहिक प्रयास से संबंधित होने का कारण यह है कि किसी उपकरण के पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को सफलता पूर्वक प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति विशेष पर निर्भर ना होकर अनेक व्यक्तियों अथवा समूहों के प्रयासों पर निर्भर होना पड़ता है।
अर्थात सामूहिक का अर्थ ही होता है किसी समूह में रहकर काम करना अतः जब समूह में काम किया जाएगा तो पूरे समूह का एक प्रयास होगा और प्रबंध बिना समूह के संभव नहीं हो सकता। समूह का मतलब कम से कम दो लोग मिलकर किसी काम को करें उसे समूह कहते हैं।
अतः यह कहना की प्रबंध एक सामूहिक प्रयास से सत्य हैं क्योंकि किसी भी कंपनी में एक आदमी द्वारा काम नहीं किया जाता है वहां कई आदमी काम करने वाले होते हैं जिनका काम अलग अलग होता है किसी का काम पैकेट बनाना किसी का काम काटना किसी का काम पैक करना किसी का काम ढुलाई करना किसी का काम स्टोर करना इतिहास प्रकार के काम होते हैं जिनको लोग अलग-अलग करते हैं और सभी लोगों के काम को मिलाकर के उसका उद्देश्य पूर्ण होता है।
* यह मानवीय तथा भौतिक संसाधनों में संबंध स्थापित करती है ।- प्रबंध की मुख्य विशेषता मानवीय तथा भौतिक संसाधनों में पर्याप्त समन्वय स्थापित करना है। किसीी भ उपक्रम के उद्देश्यों को केवल मानव संसाधन द्वारा या भौतिक संसाधनों द्वारा अकेले प्राप्तत नहीं। किया जाा सकत जब तक की दोनों मानवीय और भौतिक का उपस्थित ना हो साथ साथ इनके बीी समन्वय स्थापित ना किया जा सके तब तक प्रबंध कीी विशेषता पूर्ण नहींींीं हो सकती अतः यह कहा जा सकता है की मानव और भौतिक संसाधनों द्वारा ही प्रबंध की की विशेषता पूर्णण हो शक्ति है
एक उदाहरण के तौर पर यह कहा जा सकता है कि माना मानव साधन उपलब्ध है लेकिन भौतिक साधन जैसे माल और मशीन उपलब्ध नहीं है। तो इस दशा में उत्पादन होना संभव नहीं हो सकता। अर्थात यह कहा जा सकता है कि मानवीय तथा भौतिक संसाधनों में पर्याप्त समन्वय स्थापित करना भी प्रबंध की विशेषता है।
*इसका एक पृथक अस्तित्व है।
उत्तर-प्रबंध का अर्थ- प्रबंध वह प्रक्रिया है जो एक मानव समूह का नियोजन संगठन नियुक्तियां निर्देशन एवं नियंत्रण कर के भौतिक संसाधनों का अधिकतम एवं कुशलता का उपयोग संभव बनाती है तथा उपकरण के पूर्व निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करती हैं।
हेरोल्ड कून्टज के अनुसार ,"प्रबंध औपचारिक रूप से संगठित समूहों में अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर कार्य करने तथा करवाने की कला है"
जार्ज आर०टेरी के शब्दों में" प्रबंध एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें नियोजन संगठन उत्प्रेरण एवं नियंत्रण सम्मिलित है इनमें से प्रत्येक में विज्ञान एवं कला दोनों का प्रयोग करते हुए पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इनका अनुसरण किया जाता है"।
एफ डब्ल्यू टेलर के अनुसार प्रबंध या जानने की कला है कि आप क्या करवाना चाहते हैं इसके बाद यह देखना कि वे इसे सर्वोत्तम मितव्ययता पूर्ण विधि से करें।
प्रबंध जिसको हम अंग्रेजी में मैनेजमेंट बोलते हैं अक्सर बोलचाल की भाषा में हम कहते हैं किस को किसी तरह से मैनेज किया जाए अर्थात इसका मैनेजमेंट किया जाए इसका अर्थ होता किसी तरह से इस को व्यवस्थित करना अर्थात सुचारू रूप से कार्य चल सके किसी भी कार्य को करने के पहले उसका एक खाका तैयार किया जाता है जिसके तहत हम किसी कार्य को सुचारू रूप से सफलतापूर्वक संपन्न कर सकें।
जैसे किसी के यहां कोई कार्यक्रम है शादी है विवाह है उसमें हम लोग एक प्रारूप तैयार करते हैं कि सबसे पहले क्या किया जाएगा उसके बाद किया किया जाएगा उसको करेगा कौन इस तरह से हम लोग किसी कार्यक्रम को मैनेजमेंट करते हैं अर्थात यह कहा जा सकता है की प्रबंध वह किरया है जिसके द्वारा मनुष्य किसी भी कार्य को करने के लिए उसकी एक प्लानिंग करता है उसका एक संगठन बनाता है फिर उस संगठन में कौन-कौन कार्य करेगा उनकी नियुक्तियां करता है फिर कार्य करने वाला वाले लोगों को कौन निर्देशन और नियंत्रण करेगा अर्थात कौन देखरेख करेगा और क्या क्य सामान लगेगा कौन-कौन सी मशीनें लगेंगे कौन-कौन सी वस्तुएं लगेंगे इन सब क्रियाओं को करने के लिए एक निश्चित तिथि निश्चित समय का निर्धारण किया जाता है ताकि जो कार्यक्रम जो क्रिया करने जा रहे हैं वह निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति कर सके और उसे करने में सहायता प्रदान कर सकें।
अर्थात यह कहा जा सकता है कि यदि किसी क्रिया में से प्रबंध को हटा दिया जाए तो शेष कार्य शून्य बचता है, क्यों क्यों बिना प्रबंध के कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न-प्रबंध की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए?
उत्तर-प्रबंध की विशेषताएंं निम्नलिखित हैं-
*यह एक सामूहिक प्रयास है
* यह मानवीय तथा भौतिक संसाधनों में संबंध स्थापित करती है ।
*इसका एक पृथक अस्तित्व है।
* यह एक अदृश्य शक्ति है।
* यह एक प्रक्रिया है।
* यह एक जन्मजात एवं अर्जित प्रतिभा है।
*यह एक सार्वभौमिक क्रिया है।
* यह विभिन्न दर्शन ग्राही ज्ञान है।
* यह एक गतिशील व्यवस्था है।
* यह एक पेशा है।
* यह विज्ञान एवं कला दोनों है।
*यह एक सामूहिक प्रयास है- जैसा कि ऊपर परिभाषा में यह बताया गया है कि प्रबंध एक मानव समूह का नियोजन संगठन नियुक्तियां निर्देशन पर नियंत्रण है।
अतः प्रबंध एक मानव समूह में काम करने वाले सभी लोगों के प्रयत्नों को सामूहिक उद्देश्य की ओर संचालित करने वाली शक्ति है प्रबंध का सामूहिक प्रयास से संबंधित होने का कारण यह है कि किसी उपकरण के पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को सफलता पूर्वक प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति विशेष पर निर्भर ना होकर अनेक व्यक्तियों अथवा समूहों के प्रयासों पर निर्भर होना पड़ता है।
अर्थात सामूहिक का अर्थ ही होता है किसी समूह में रहकर काम करना अतः जब समूह में काम किया जाएगा तो पूरे समूह का एक प्रयास होगा और प्रबंध बिना समूह के संभव नहीं हो सकता। समूह का मतलब कम से कम दो लोग मिलकर किसी काम को करें उसे समूह कहते हैं।
अतः यह कहना की प्रबंध एक सामूहिक प्रयास से सत्य हैं क्योंकि किसी भी कंपनी में एक आदमी द्वारा काम नहीं किया जाता है वहां कई आदमी काम करने वाले होते हैं जिनका काम अलग अलग होता है किसी का काम पैकेट बनाना किसी का काम काटना किसी का काम पैक करना किसी का काम ढुलाई करना किसी का काम स्टोर करना इतिहास प्रकार के काम होते हैं जिनको लोग अलग-अलग करते हैं और सभी लोगों के काम को मिलाकर के उसका उद्देश्य पूर्ण होता है।
* यह मानवीय तथा भौतिक संसाधनों में संबंध स्थापित करती है ।- प्रबंध की मुख्य विशेषता मानवीय तथा भौतिक संसाधनों में पर्याप्त समन्वय स्थापित करना है। किसीी भ उपक्रम के उद्देश्यों को केवल मानव संसाधन द्वारा या भौतिक संसाधनों द्वारा अकेले प्राप्तत नहीं। किया जाा सकत जब तक की दोनों मानवीय और भौतिक का उपस्थित ना हो साथ साथ इनके बीी समन्वय स्थापित ना किया जा सके तब तक प्रबंध कीी विशेषता पूर्ण नहींींीं हो सकती अतः यह कहा जा सकता है की मानव और भौतिक संसाधनों द्वारा ही प्रबंध की की विशेषता पूर्णण हो शक्ति है
एक उदाहरण के तौर पर यह कहा जा सकता है कि माना मानव साधन उपलब्ध है लेकिन भौतिक साधन जैसे माल और मशीन उपलब्ध नहीं है। तो इस दशा में उत्पादन होना संभव नहीं हो सकता। अर्थात यह कहा जा सकता है कि मानवीय तथा भौतिक संसाधनों में पर्याप्त समन्वय स्थापित करना भी प्रबंध की विशेषता है।
*इसका एक पृथक अस्तित्व है।
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