बाग भूमि:- बाग भूमि से आशय ऐसी भूमि से है जिसमें इस प्रकार वृक्ष लगे हो कि वह किसी भूमि को या उस भूमि के समुचित भाग को किसी अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग में लाए जाने से रोकते हो या पूर्ण रूप से विकसित होने पर रोकेंगे और ऐसे भूमि पर लगे वृक्ष एक बाग का रूप धारण करेंगे।
Orchard land: - Orchard land is a land in which the tree is planted in such a way that it prevents any land or appropriate portion of that land from being used for any other purpose or will prevent it from being fully developed. And trees planted on such land will take the form of an orchard.
खेवट:-
यूपी टेन्नेन्सी एक्ट 1939 की धारा 32 (क)(ख)(ग)(घ) के अनुसार जमीदारों की संपत्ति का वितरण रखा जाता है। यह अभिलेख खेवट कहलाता है ।
यह प्रति 4 वर्ष के अंतराल पर तैयार किया जाता है ।भूस्वामियों, अनुस्वामियो ,अधीनस्थ स्वामी आदि के विवरण इसमें रखे जाते हैं। इसमें उनके हिस्से का भी उल्लेख प्रत्येक के नाम के सम्मुख किया जाता है। तथा एक पंक्ति में एक ही भूस्वामी के नाम का उल्लेख रहता है यदि एक या कुछ या सभी भूस्वामी खेवट का कोई भाग अंतरित ना करके एक या अनेक गाटाओं का स्वामित्व अंतरित करें तो उनका सहांशी के रूप में उल्लेख नहीं किया जाएगा।
Khavet: -
According to Section 32 (a) (b) (c) (d) of the UP Tenancy Act 1939, the distribution of property of the zamindars is kept. This inscription is called khevat.
It is prepared at an interval of 4 years. Details of the Bhuswamis, Anuswamis, Subordinate masters etc. are kept in it. In this, their share is also mentioned in front of the name of each. And the name of the same landowner is mentioned in one line, if one or some or all of the landlords do not transfer any part of the khevat and transfer the ownership of one or several gatas, then they will not be mentioned as comrade.
गांव कोष:-
ग्राम सभा,ग्रामपंचायत या भूमि प्रबंधक समिति द्वारा भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के अधीन प्राप्त की गई या दान स्वरूप वसूल की गई सभी धनराशि पूर्ण रूप से ग्राम कोष में जमा किया जाएगा परंतु इसमें से 15% तक जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित धन संहत ग्रामफण्ड में भेज दिया जाएगा गांव कोष का प्रबंध जिला पंचायत अधिकारी के सामान्य नियंत्रण के अधीन रहते हुए गांव पंचायत के हाथों में रहेगा।
भूमि प्रबंधन समिति को दो धनराशि की वसूली या तो भूमि प्रबंधन समिति के कार्यालय में भुगतान द्वारा या उसके बाहर वसूली करके अथवा दोनों ही विधियों से की जाएगी और भुगतान में पाई गई प्रत्येक धन राशि के लिए भूमि प्रबंध समिति आकार पत्र 4 में एक रसीद दी
भूमि प्रबंधक समिति के अध्यक्ष द्वारा समस्त आय का लेखा भूमि प्रबंध समिति आकार पत्र 5 रोकड़ बही में रखा जाएगा जिसमें प्राप्त सभी धन राशियों को दिन प्रतिदिन लिखा जाएगा
Village Fund: -
All funds received or collected as donations under the Land System Act 1950 by the Gram Sabha, Grampanchayat or Land Management Committee, will be deposited in the Gram Kosh in full, but up to 15% of it will be sent to the village fund with the amount fixed by the District Magistrate. The management of the village fund will remain in the hands of the village panchayat, under the general control of the District Panchayat Officer.
Recovery of two funds to the Land Management Committee shall be made either by payment in or out of the Land Management Committee's office or by both methods and for each money found in the payment, a receipt in the Land Management Committee Size 4
All the income accounts will be kept in the Land Management Committee size sheet 5 cash book by the chairman of the Land Management Committee, in which all the amounts received will be written day by day.
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