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भीमराव अम्बेडकर जीवन परिचय
भीमराव अम्बेडकर, जिन्हें डॉ. बी. आर. अम्बेडकर भी कहा जाता है, भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रथम दशक के समाज न्याय, मानव अधिकारों और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले एक महान व्यक्ति थे। उन्हें समाज सुधारक, विचारक, संविधान निर्माता और महापुरुष के रूप में जाना जाता है।
भीमराव अम्बेडकर 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू नगर में जन्मे थे। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सक्पाल और माता भीमाबाई थीं। उन्हें अपने जीवन में अनेक राजनीतिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ा।
भीमराव अम्बेडकर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सतारा, महाराष्ट्र में प्राप्त की थी। उन्होंने 1907 में मुंबई के एलफिस्टन कॉलेज में प्रवेश किया था जहां से उन्होंने बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) डिग्री हासिल की। इसके बाद, वे 1913 में मुंबई विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने के बाद, न्याय शास्त्र में डिग्री हासिल करने के लिए अंग्रेजी विश्वविद्यालय ऑफ बर्लिन, जर्मनी गए। उन्होंने 1923 में फिलॉसोफी डॉक्टरेट (फीड) डिग्री हासिल की।
भीमराव अम्बेडकर ने न केवल अपनी शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि उन्होंने भारत के समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था को भी बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने जीवन के दौरान एक समान भारत की स्थापना के लिए लगातार संघर्ष किया और सामाजिक न्याय, मानव अधिकारों के समान अधिकार और शिक्षा को लेकर जनता को जागरूक करने का काम किया।
अम्बेडकर ने शिक्षा के क्षेत्र में अत्यधिक योगदान दिया। उन्होंने अपनी शिक्षा का सारा समय देश और समाज के लिए दिया। उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक उपाधि हासिलभीमराव अम्बेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) भारत के सबसे महत्वपूर्ण समाज सुधारकों में से एक थे।
वह नहीं सिर्फ एक राजनीतिज्ञ और वकील थे, बल्कि एक समाजशास्त्री और अर्थशास्त्री भी थे। उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और भारतीय जाति व्यवस्था के खिलाफ अपने जीवन का समर्पण किया।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन में उच्चतम स्थान हासिल किया।
भीमराव अम्बेडकर ने अपने जीवन में शिक्षा का महत्व स्पष्ट करते हुए दीक्षा ली और अन्य लोगों की शिक्षा के लिए काफी प्रयास किये। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया ताकि वे अपने अधिकारों के बारे में जानें और अपने जीवन को समृद बना सके
बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनमोल वचन
जिस देश में महिलाएँ अपनी स्वतंत्रता नहीं रखतीं, वहाँ समाज का विकास संभव नहीं होता।"
"संघर्ष हमेशा से रहा है, हमेशा रहेगा।"
"धर्म आदमी के लिए होता है, न कि आदमी धर्म के लिए।"
"जब तक व्यक्ति वास्तविकता का सामना नहीं करता, तब तक उसे उसकी जगह से हटाना असंभव होता है।"
"जब तक शिक्षा एक समान अधिकार नहीं होती, तब तक समाज में समानता नहीं हो सकती।"
"संघर्ष जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। संघर्ष बदलाव लाता है।"
"विद्या सभी विषयों से महत्वपूर्ण होती है। वह समानता और आधिकारिकता की बुनियाद है।"
"जितना हो सके अपने देश का भला करो।"
"जब तक समाज में समानता नहीं होती, तब तक समाज में शांति नहीं होती।"
जीवन निरर्थक होता है।"
"जो लोग स्वतंत्रता नहीं चाहते, उन्हें स्वतंत्रता के अधिकारों के बारे में बताने से भी कोई फायदा नहीं होगा।"
"भारत की समस्याओं का हल सिर्फ शिक्षा है।"
"जब तक आप खुद अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ेंगे, तब तक आप दूसरों को उनके अधिकार नहीं दिला सकते।"
"जाति और धर्म के आधार पर किसी को अलग-थलग नहीं किया जाना चाहिए। सभी लोग एक समान होते हैं।"
"शिक्षा अगर सिर्फ पुस्तकों से होती तो चूहे का बच्चा शेर नहीं बन सकता।"
"एक समान मानव अधिकार की व्याख्या यह है कि सभी लोगों को अपने अधिकारों का समान अधिकार होना चाहिए।"
"भारत देश में स्त्रियों की समानता के बिना कोई समाज नहीं बन सकता।"
"संघर्ष का मूल आधार विकल्पों के अभाव में शिक्षा, स्वास्थ्य और आधिकारिक सुविधाओं में
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