भूगोल की विभिन्न शाखाएं
(1 ) भूगोल की प्राचीन शाखाएं
( EARLY BRANCHES OF GEOGRAPHY )
आरम्भ में भूगोल विषय पांच भागों में विभाजित था :
( i ) खगोलीय भूगोल — इसमें पृथ्वी का सूर्य और चन्द्रमा से सम्बन्ध , चन्द्रग्रहण , सूर्यग्रहण , दिन और रात , आदि का अध्ययन किया जाता था ।
( ii ) यात्रा भूगोल - प्रारम्भिक दिनों में अनेक यात्राएं की जाती थीं । ये पात्राएं व्यापार , दूसरे देशों के सम्बन्ध में जानकारी तथा साम्राज्य के विस्तार के लिए की जाती थीं । आरम्भ में ये यात्राएं स्थल मार्ग से होती थीं , बाद में नदियों और सागरीय मार्गों से होने लगीं । अपनी इन यात्राओं का वर्णन अनेक यात्रियों ने किया है जो भूगोल की धरोहर है ।
( iii ) संसाधन भूगोल – मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न साधनों का उपयोग करता रहा है । खनिज पदार्थों की खोज , उत्तम चरागाह और कृषि प्रदेशों की खोज में मानव प्रारम्भ से ही उद्यत रहा है , जिसने अनेक संस्कृतियों का विकास किया ।
( iv ) मानचित्रांकन - प्राचीन काल में मनुष्यों ने अपनी यात्राओं , संसाधन की खोज , आदि के लिए विश्व मानचित्रों का निर्माण किया , टॉलमी ने सर्वप्रथम विश्व का मानचित्र तैयार किया था । उसके पश्चात् अरबवासियों ने भूगोल के
विकास में इन मानचित्रों का निर्माण कर योगदान दिया । जटिल तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए मानचित्रों , चार्टी , आलेखों तथा आरेखों का प्रयोग करने की बढ़ती हुई प्रवृत्ति मानचित्रकला की व्यापकता का द्योतक है । यही मानचित्रकला भूगोल है ।
( v ) गणितीय भूगोल— अरब और मिस्र में गणितीय भूगोल का विकास हुआ जिसके अन्तर्गत स्थानों की दूरी दिन और रात की अवधि , अक्षांश तथा देशान्तर रेखाएं , आदि का अध्ययन गणितीय भूगोल के अन्तर्गत किया जाता था ।
( 2 ) भूगोल की वर्तमान शाखाएं ( MODERN BRANCHES OF GEOGRAPHY ) वर्तमान में भूगोल को अनेक प्रकार से विभाजित एवं उपविभाजित करने का प्रयास किया गया है । मुख्य रूप से भूगोल की दो प्रधान शाखाएं निम्न हैं , जिन्हें पुनः अनेक भागों में उपविभाजित किया जा सकता है ।
ये हैं—
( A ) भौतिक भूगोल , ( B ) मानव भूगोल ।
( A ) भौतिक भूगोल की उपशाखाएं ( Sub branches of Physical Geography )
( i ) भूगणितीय भूगोल – इसमें पृथ्वी के स्वरूप , पृथ्वी के विस्तार , अक्षांश , देशान्तर एवं पृथ्वी के ग्रहीय सम्बन्ध , आदि की दूरियों एवं तथ्यात्मक स्थिति की गणना की जाती है । अरब काल से ही इस उपशाखा को वैज्ञानिक आधार मिलता रहा है । अतः इसमें पृथ्वी के एवं सम्बन्धित ग्रहीय तथ्यों का स्वरूप गणितीय गणना द्वारा प्राप्त किया जाता है ।
( ii ) स्थलाकृति विज्ञान – धरातलों के विभिन्न स्थलरूपों का अध्ययन भूआकृति विज्ञान , स्थलाकृति विज्ञान ( Geomorphology ) के अन्तर्गत किया 2 जाता है ।
( iii ) ऋतु विज्ञान एवं जलवायु विज्ञान — यह आधुनिक भूगोल की सह - सम्बन्धित एवं महत्वपूर्ण शाखाएं हैं । ऋतु विज्ञान के अन्तर्गत भू - तल के प्रदेश विशेष के प्रतिदिन के परिवर्तनशील मौसम या ऋतु के तत्वों का यथावत् अध्ययन एवं आलेख होता है , जबकि ऋतु के तत्वों ( ताप , वर्षा , नमी , वायु - वेग , वायु - दाव , आदि ) की औसत या माध्य दशाओं के आधार पर वायुमण्डल की सामान्य एवं विशेष दशाओं की औसत विशेषताओं का वर्णन ही जलवायु विज्ञान का आधार है । अतः यह भूगोल की प्रधान शाखाओं में से है ।
( iv ) समुद्र विज्ञान – भूपटल के 71 % भाग पर महासागरीय जल का विस्तार है । अतः महासागरीय जल के तापमान , खारापन , जल राशियों की विविध गतियों , महासागरीय तली का स्वरूप , आदि का वर्णन इसके अन्तर्गत किया जाता है ।
( v ) जैव भूगोल – इसके अन्तर्गत वनस्पति भूगोल एवं जन्तु भूगोल का विस्तृत अध्ययन किया जाता है । यह उप - शाखा जीव विज्ञान से निकट से सम्बन्धित है ।
( vi ) मृदा भूगोल – धरातल पर पायी जाने वाली विभिन्न प्रकार की मिट्टियों तथा उनका वितरण मृदा भूगोल में किया जाता है ।
( vii ) नृवंश भूगोल – मानव समूह के विकास , उनके शरीर की विविध रचना , रंग एवं उनके भूतल पर विस्तार स्वरूप , आदि का प्रजातियों में विभाजन एवं वर्णन इसके अन्तर्गत आता है । मानव सांस्कृतिक भूगोल का आधारभूत अंग होते हुए भी पृथ्वी तल का प्राणी होने से भौतिक भूगोल की प्रमुख शाखा मानी जाती है । हुए उनमें
( viii ) पारिस्थितिकी भूगोल- यह भूगोल की नवीनतम शाखा है । इसका सर्वप्रथम विकास जीव विज्ञान में हुआ । वर्तमान में पर्यावरण के बदलते स्वरूप , जीवों के विकास की आदर्श दशाएं , अनुकूल अवस्थान की पारिस्थिति एवं पारिस्थितिकी तन्त्र तथा मानव द्वारा उनके साथ खिलवाड़ करते उचित - अनुचित संशोधन व पृथ्वी पर निरन्तर फैलता हुआ पर्यावरणीय अवक्रमण एवं असन्तुलन , आदि का इसमें वर्णन किया जाता है । आधुनिक भूगोल में इसका महत्वपूर्ण स्थान है ।
different branches of geography
(1) Ancient branches of geography
(EARLY BRANCHES OF GEOGRAPHY)
Initially the subject of Geography was divided into five parts:
(i) Astronomical Geography – In this, the relationship of the Earth with the Sun and the Moon, lunar eclipse, solar eclipse, day and night, etc. were studied.
(ii) Travel Geography – In the early days many trips were undertaken. These letters were used for trade, information about other countries and expansion of the empire. Initially these journeys were via land routes, later they started via rivers and sea routes. Many travelers have described their travels, which is a heritage of geography.
(iii) Resource Geography – Man has been using various resources to fulfill his needs. Since the beginning, humans have been busy in search of minerals, good pastures and agricultural areas, which has led to the development of many cultures.
(iv) Cartography - In ancient times, humans created world maps for their travels, discovery of resources, etc. Ptolemy was the first to prepare a map of the world. After that the Arabs started studying geography.
Contributed to development by creating these maps. The increasing trend of using maps, charts, graphs and diagrams to clarify complex facts indicates the prevalence of cartography. This is cartography and geography.
(v) Mathematical Geography – Mathematical geography developed in Arabia and Egypt, under which distance of places, duration of day and night, latitude and longitude lines, etc. were studied under mathematical geography.
(2) Present branches of geography (MODERN BRANCHES OF GEOGRAPHY) At present, attempts have been made to divide and subdivide geography in many ways. Mainly the two main branches of geography are as follows, which can again be sub-divided into many parts.
These are-
(A) Physical Geography, (B) Human Geography.
(A) Sub branches of Physical Geography
(i) Geodetic Geography – In this, the distance and factual position of the Earth's form, Earth's extension, latitude, longitude and planetary relationships of the Earth, etc. are calculated. This sub-discipline has been getting scientific basis since the Arab period. Therefore, in this the form of Earth and related planetary facts is obtained through mathematical calculations.
(ii) Topography – Various landforms of the surface are studied under Geomorphology.
(iii) Meteorology and Climatology – These are inter-related and important branches of modern geography. Under meteorology, the daily changing weather or elements of season of a particular region of the earth's surface are actually studied and recorded, while the average of the elements of season (temperature, rainfall, moisture, wind speed, air pressure, etc.) Or the description of the average characteristics of general and special conditions of the atmosphere on the basis of mean conditions is the basis of climate science. Therefore, it is one of the main branches of geography.
(iv) Oceanography – Ocean water covers 71% of the earth's surface. Therefore, the temperature of ocean water, salinity, various movements of water masses, form of ocean floor, etc. are described under it.
(v) Biogeography – Under this, detailed study of plant geography and animal geography is done. This sub-branch is closely related to biology.
(vi) Soil Geography – Different types of soils found on the surface and their distribution are discussed in soil geography.
(vii) Ethnogeography – This includes the division and description of the development of human groups, the diverse structure of their bodies, their color and their spread on the surface, etc. into species. Despite being a fundamental part of human cultural geography, being a creature of the earth, it is considered a major branch of physical geography. happened in them
(viii) Ecological geography- This is the latest branch of geography. It was first developed in biology. At present, the changing nature of the environment, the ideal conditions for the development of living beings, the environment and ecosystem of a suitable place and the appropriate and inappropriate modifications by humans playing with them and the continuously spreading environmental degradation and imbalance on the earth, etc. are described in it. . It has an important place in modern geography.
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