एक बार की बात है,
जंगल में एक कौआ और गिलहरी दोस्त थे।
वे हमेशा साथ में घूमते थे और एक-दूसरे के साथ खेलते थे।
एक दिन, गिलहरी ने कौए से पूछा, "तुम्हारे पास इतनी अच्छी दाखिल है, तुम कभी खोजते क्यों नहीं?
"कौवा बोला, "मुझे इसमें दिलचस्पी नहीं है।
"गिलहरी ने कहा, "लेकिन जीवन में नई चीजें खोजना महत्त्वपूर्ण होता है।
"इस पर कौवा ने उत्तर दिया, "ठीक है, फिर मैं चाहूंगा कि तुम मुझे बताओ कि कौन सी नई चीजें हैं जो तुमने खोजी हैं।
"गिलहरी ने धूप में भगवान गणेश जी की मूर्ति को देखकर कहा, "देखो, मैंने एक नई चीज खोज ली है।
"कौवा हंसते हुए बोला, "वो कोई नई चीज नहीं है, यहां हर रोज़ लोग आते हैं और इस मूर्ति को पूजते हैं।
"गिलहरी ने बात न करते हुए उस मूर्ति के पास जाकर प्रणाम किया। इस पर कौवा ने कहा,
"तुम्हारे विश्वास में तो तुम्हारी नई चीज है।
"इससे कौवा समझ गया कि नई चीजें खोजने का मतलब उसे समझना होता है, न कि सिर्फ नये चीजों की तलाश करना।
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