स्वर वर्ण और व्यंजन वर्ण
अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ए,ऐ, आदि स्वर वर्ण है ।
तथा क्,च्,ट्,त्,प् आदि व्यंजन वर्ण हैं।
अर्थात यह कहा जा सकता है कि वह छोटी से छोटी धन जिस के टुकड़े नहीं किए जा सकते वर्ण कहलाती है
वर्णमाला:-
किसी भाषा को लिखने के लिए प्रयुक्त होने वाले वर्णों के क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला कहा जाता है।
प्रत्येक भाषा को लिखने के लिए अलग-अलग लिपियों का प्रयोग होता है हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है तथा अंग्रेजी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है इसी प्रकार पंजाबी को गुरमुखी लिपि में उर्दू को फारसी लिपि तथा बांग्ला भाषा को बंगाली लिपि लिखते हैं।
भाषा:-
भावों एवं विचारों को व्यक्त करने का माध्यम भाषा है भाषा के दो भेद हैं लिखित भाषा एवं मौखिक भाषा भाषा की न्यूनतम इकाई वाक्य है अर्थात भाषा वाक्यों से बनती है जबकि वाक्य न्यूनतम इकाई शब्द है शब्दों के सार्थक प्रयोग से वाक्य बनता है शब्द का निर्माण बड़ों से होता है अर्थात शब्द की न्यूनतम इकाई वर्ण होती है।
मानक देवनागरी वर्णमाला
स्वर:- अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ
अनुस्वार-अं
विसर्ग-अ:
व्यंजन-
क वर्ग- क,ख,ग,घर,ड.
च वर्ग- च,छ,ज,झ,
ट वर्ग- ट,ठ,ड,ढ,ण
त वर्ग-त,थ,द,ध,न
प वर्ग-प,फ,ब,भ,म
अन्तस्थ-य,र,ल,व
ऊष्म-श,ष,स,ह
संयुक्त व्यंजन-क्ष,त्र,ज्ञ,श्र
दि्वगुण व्यंजन-ड़,ढ़
देवनागरी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण है।
देवनागरी वर्णमाला में स्वरों की संख्या 11 है अनुस्वार एक हैं: विसर्ग एक है, तथा व्यंजन 39 हैं
जिसमें से क वर्ग में पांच, च वर्ग में 5, ट, वर्ग में 5, त बर्ग में 5 प वर्ग में पांच तथा अंतस्थ व्यंजन चार, उष्म व्यंजन चार, संयुक्त व्यंजन चार, द्विगुण व्यंजन दो है।
इस प्रकार देवनागरी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं।
देवनागरी वर्णमाला में 5 वर्ग हैं जिन्हें क्रमशः- निम्नलिखित तरह से लिखा जाता है।
क वर्ग- क,ख,ग,घर,ड.
च वर्ग- च,छ,ज,झ,
ट वर्ग- ट,ठ,ड,ढ,ण
त वर्ग-त,थ,द,ध,न
प वर्ग-प,फ,ब,भ,म
हिंदी भाषा के देवनागरी वर्णमाला में कुछ अन्य भाषाओं के वर्णों को लिखने के लिए भी चिन्ह विकसित किए गए हैं जिन्हें आगत वर्ण कहते हैं
जैसे ज़, आं,फ़,को,ठ़,ऱ आदि।
हिंदी भाषा में हलंत का प्रयोग वर्ण के नीचे किया जाता है तथा यह स्वर रहित व्यंजन का विरोध करता है।
भारतीय संविधान में हिंदी को भारत की राज्य भाषा घोषित किया गया है जिस की लिपि देवनागरी है तथा अंकों का अंतर राष्ट्रीय स्वरूप इस संविधान ने स्वीकार किया है।
प्राचीन देवनागरी अंक-
१,२,३,४,५,६,७,८,९,०
अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप
1,2,3,4,5,6,7,8,9,0
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