प्राकृत संख्या- प्राकृत संख्या सामान्यतः एक विचार हैं जिसको हम वस्तुओं के समूह को प्रकट करते हैं। प्राकृत संख्याओं का प्रयोग मनुष्य ने लगभग 4000 वर्षों से भी अधिक समय तक किया है। अर्थात हम क्या कह सकते हैं की गणना करने के लिए हम जिन संख्याओं का प्रयोग करते हैं उन्हें प्राकृतिक संख्या कहा जाता है जैसे- 1,2,3,4,••••••••23,24,.......34,...39....45....49, 50.....55....67...89...99....389...888...999....100088......आदि ।
प्रति संख्याओं को दर्शाने के लिए हम उसके समूह को व्यक्त करना चाहे तो 'N'अक्षर का प्रयोग करते हैं।
जैसे-N=(1,2,3,4,5,......99....)आदि इसी प्रकार और संख्याओ को लिखा जा सकता है।
* सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या 1 है।
* सबसे बड़ी प्राकृत संख्या कोई नहीं होती है ।
* प्राकृत संख्याओं की गणना का कोई अंत नहीं होता है।
* यदि हम एक प्राकृतिक संख्या को लेते हैं तो इससे अगली प्राकृतिक संख्या ज्ञात करने के लिए हम उस में सदैव एक (1) जोड़ते हैं
पूर्ण संख्याएं-
पूर्ण संख्याएं वे संख्याएं होती हैं ।जब हम प्राकृत संख्याओं में शून्य (0) को शामिल कर लेते हैं जैसे - 0,1,2,3,4 .....आदि संख्या प्राप्त होती हैं। जिन्हें हम पूर्ण संख्या कहते हैं।
Prakrit number - Prakriti number - is generally an idea to which we express a group of things. Humans have used natural numbers for more than 4000 years. That is, the numbers we use to calculate what we can say are called natural numbers.
Like- 1,2,3,4,••••••••23,24,.......34,...39....45....49, 50... ..55....67...89...99....389...888...999....100088......etc.
To represent each of the numbers, we use the letter 'N' if we want to express its group.
For example, N=(1,2,3,4,5,......99....)etc. similarly more numbers can be written.
* The smallest natural number is 1.
* There is no largest natural number.
* There is no end to the calculation of natural numbers.
* If we take a natural number, we always add one (1) to it to find the next natural number
whole numbers-
Whole numbers are those numbers. When we include zero (0) in the natural numbers like - 0,1,2,3,4 .....etc we get numbers. which we call whole numbers.
प्राकृत संख्या एवं पूर्ण संख्याए
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