समाज निर्माण में लैंगिक मुद्दे (GENDER AS A SOCIAL CONSTRAINTS)
आज लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शिक्षा-व्यवस्था न करके सह-शिक्षा का प्रचलन है। सह-शिक्षा का तात्पर्य उस शिक्षा-व्यवस्था से है जिसमें दोनों विरोधी लिंगी छात्र-छात्राएं साथ-साथ एक ही समय में एक विद्यालय में अध्ययन करते हैं और छात्र-छात्राओं को एक ही शिक्षण-व्यवस्था तथा प्रशासन में शिक्षा ग्रहण करनी होती है। इस शिक्षा व्यवस्था में छात्र-छात्रा एक-दूसरे को समझ सकते हैं तथा विपरीत लिंग के प्रति जो आकर्षण होता है, साथ पढ़ने से समाप्त हो जाता है।
वैयक्तिक विभिन्नता (Individual Differences)—– वैयक्तिक भिन्नता से अभिप्राय है प्रत्येक व्यक्ति में जैविक, मानसिक, सांस्कृतिक, संवेगात्मक अन्तर पाया जाना। इसी अन्तर के कारण व्यक्ति, दूसरे से भिन्न माना जाता है। मनोविज्ञान के क्षेत्र में 19वीं सदी में फ्रांसिस गाल्टन, पियर्सन, कैटेल, टर्मन आदि ने व्यक्तिगत भिन्नता का पता लगाया तथा उनके कारणों की खोज की। स्किनर के अनुसार, "बालक की प्रत्येक सम्भावना के विकास का एक विशिष्ट काल होता है। यह काल वैयक्तिक भिन्नता के कारण भिन्न-भिन्न अवधि का होता है। यदि उचित समय पर इस सम्भावना को विकसित करने का प्रयत्न न किया गया तो उसके नष्ट हो जाने का भय रहता है।"
स्किनर के अनुसार, "व्यक्तिगत विभिन्नता में सम्पूर्ण व्यक्तित्व का कोई भी ऐसा पहलू सम्मिलित हो सकता है, जिसका माप किया जा सकता है।" व्यक्तिगत विभिन्नताओं के प्रकार—व्यक्तिगत विभिन्नताओं के प्रकार निम्नलिखित हैं-
(1) बुद्धि- -स्तर पर आधारित विभिन्नता (Mental Differences)— व्यक्ति, मानसिक दृष्टि से भी भिन्न होते हैं। कोई व्यक्ति प्रतिभाशाली, कोई अधिक बुद्धिमान, कोई कम बुद्धिमान और कोई मूर्ख होते हैं। मानसिक विभिन्नता को समझने के लिए बुद्धि परीक्षाओं की सहायता से बुद्धि-लब्धि निकालते हैं। यह देखा गया है कि इसके अनुसार व्यक्ति मूढ़ से लेकर अत्यन्त प्रतिभाशाली तक होते हैं। वेन्टवर्थ (Wentworth) का विचार है कि पहली कक्षा के बालकों की 'बुद्धि लब्धि' 60 से 160 तक होती है।
(2) शारीरिक विकास में विभिन्नता (Physical Differences)— शारीरिक दृष्टि से व्यक्तियों में अनेक प्रकार की विभिन्नताएं देखने को मिलती है। यह भिन्नता रंग, रूप, भार, कद, शारीरिक गठन, यौन-भेद. शारीरिक परिपक्वता आदि के कारण होती है। कुछ व्यक्ति काले-गोरे, कुछ लम्बे, कुछ नाटे, कुछ मोटे, कुछ दुबले, कुछ सुन्दर और कुछ कुरूप होते हैं।
(3) उपलब्धि में मिन्नता (Differences in Achievement)--उपलब्धि परीक्षा द्वारा यह पता चलता है कि बालको की ज्ञानोपार्जन क्षमता में भी तपाई जाती है। यह विभिन्न गणित तथा अंग्रेजी पढ़ने में बहुत अधिक होती है।
उपलब्धि में विभिन्नता उन बालको में भी पाई जाती है, जिनकी बुद्धि परका स्तर समान है। ऐसा बुद्धि के विभिन्न खण्डों की योग्यता में विभिन्नता तथा पूर्व अनुभव या निर्देशन या रुचि के कारण होता है।
(4) अभिवृत्ति में विभिन्नता (Difference in Attitude) अभिवृत्ति से की तात्पर्य है-- एक सामान्य स्ववृत्ति जो एक समूह अथवा एक संस्था के. प्रति होती है। (Attitude is generalized disposition towards a group of people or an institution) व्यक्तियों के विभिन्न संस्था या समूह के सम्बन्ध में विभिन्न रुझान होते हैं। कुछ व्यक्ति शिक्षा या समाज के नियमों
को अच्छा मानते हैं, कुछ बुरा।
शिक्षा के प्रति अभिवृत्ति युद्धि के स्तर पर निर्भर नहीं है। यह घर के वातावरण पर बहुत अधिक निर्भर रहती है। यदि माता-पिता के शिक्षा की ओर झुकाव अच्छे तथा उचित है तो बालकों के झुकाव भी उसी प्रकार विकसित होगे। भारत में ग्राम निवासी शिक्षा की ओर से उदासीन रहते है और उनकी अशिक्षा का यह एक बहुत बड़ा कारण है।
(5) व्यक्तित्व में विभिन्नता (Personality Differences) - प्रत्येक व्यक्ति और बालक के व्यक्तित्व में कुछ न कुछ विभिन्नता अवश्य पायी जाती है। कुछ लोग अन्तर्मुखी (Introvert) होते हैं और कुछ बहिर्मुखी (Extrovert)। एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से मिलने पर उसकी योग्यता से प्रभावित हो या न हो परन्तु उसके व्यक्तित्व से प्रभावित हुये बिना नहीं रहता है। यह प्रभाव ऋणात्मक भी हो सकता है और धनात्मक भी हो सकता है।
(6) गत्यात्मक योग्यताओं में विभिन्नता (Difference in Dynamic Abilities) कुछ व्यक्ति किसी कार्य को अधिक कुशलता के साथ और कुछ कम कुशलता के साथ करते हैं। इसका कारण उनमें गत्यात्मक योग्यताओं में विभिन्नता होती है।
(7) लिंग-विभिन्नता के कारण भेद (Sex Differences) स्त्रियों और पुरुषों में भी व्यक्तिगत विभिन्नता देखने में आती है। स्त्रियां कोमलांगी होती है, परन्तु सीखने के बहुत-से क्षेत्रों में बालकों और बालिकाओं की क्षमता में बहुत अन्तर नहीं होता है। लिंग-सम्बन्धी अन्तर के सम्बन्ध में किए गए अन्वेषण अभी विश्वासी परिणाम नहीं देते है अतः इस सम्बन्ध में पूर्ण विश्वास के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता।
(8) जाति या राष्ट्र सम्बन्धी विभिन्नता (Racial or National Differences) जाति या राष्ट्र-सम्बन्धी विभिन्नता के सम्बन्ध में किए गए अन्वेषण भी अभी अपूर्ण है। इस कारण विश्वासी रूप से इस सम्बन्ध में कुछ नहीं कह सकते। परन्तु फिर भी विभिन्न राष्ट्र के नागरिकों में विभिन्न प्रकार की योग्यताओं में विभिन्नता पाई जा सकती है।
(9) सामाजिक विभिन्नता (Social Differences) व्यक्तियों में स्पष्ट रूप से सामाजिक विकास में विभिन्नता पाई जाती है। यह विभिन्नता जद बालक एक ही वर्ष का होता है तभी से दृष्टिगोचर होने लगती है। कुछ बालक इतने भीस होते है कि जैसे ही किसी दूसरे परिवार का सदस्य आता है वे अपना मुँह छुपा लेते है परन्तु दूसरे प्रकार के चालक उसकी और बिना झिझक के बढ़ जाते हैं।
(10) विशिष्ट योग्यताओं में विभिन्नता (Difference in Specific Abilities) विशिष्ट योग्यताओं की दृष्टि से भी व्यक्तियों में भिन्नता पायी जाती है। कुछ बालक कला में तो कुछ विज्ञान में, कुछ इतिहास में तो कुछ भूगोल में और कुछ गणित में अधिक योग्य होते हैं। यह उल्लेखनीय है कि सभी व्यक्तियों में विशिष्ट योग्यताएं नहीं होती हैं और जिनमें होती हैं उनमें मात्रा में अन्तर अवश्य होता है।
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